उत्तराखण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने की सुनवाई

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कमल पुरी देहरादून, 04 जून। उत्तराखण्ड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग देहरादून के अध्यक्ष संजय नेगी की अध्यक्षता में विभिन्न प्रकरणों पर सुनवाई की गई। आयोग में हरपाल सिंह हरिद्वार, मुस्ताक आलम देहरादून, शिवा गुप्ता उधमसिंहनगर, माया देवी हरिद्वार, संतोष, मनवीर, ईशम, नितिन, सोनवरी, भानू नैनीताल के शिकायती प्रकरणों पर सुनवाई की गई। सुनवाई में आयोग द्वारा सर्वप्रथम शिकायतकर्ताओं का पक्ष सुना गया। हरपाल सिंह, हरिद्वार के सेवानिवृत्ति उपरांत अवशेष देयकों पेंशन आदि संबंधी शिकायती प्रकरण पर आयोग द्वारा मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रा शि०, हरिद्वार, उप शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार को सुनवाई में उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु वे आयोग की सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए, और ना ही उनके द्वारा किसी भिज्ञ अधिकारी को आयोग के समक्ष सुनवाई हेतु भेजा गया, जिस पर आयोग द्वारा रोष प्रकट किया गया।

उप शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार की ओर से उपस्थित प्रतिनिधि द्वारा प्रकरण पर आयोग के समक्ष कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। सुनवाई में अध्यक्ष द्वारा विभाग को निर्देश दिए गए कि हरपाल सिंह के प्रकरण पर प्रार्थी के सेवानिवृत्त होने पर ग्रेच्युटी, बोनस, जीपीएफ, पेंशन आदि के भुगतान के संबंध में एक तालिका बनाकर तत्काल आयोग को आख्या उपलब्ध कराए ताकि अवशेष देयकों के भुगतान की गणना की जा सके। मुश्ताक आलम, देहरादून के पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने संबंधी शिकायती प्रकरण पर अध्यक्ष द्वारा सुनवाई में विभाग को निर्देश दिए गए कि प्रकरण पर महालेखाकार, उत्तराखण्ड को तत्काल अनुस्मारक पत्र प्रेषित करें तथा आख्या मंगाकर एक माह के अन्दर प्रकरण का निस्तारण करें। श्रीमती माया देवी, हरिद्वार के ज्येष्ठता निर्धारण संबंधी प्रकरण पर आतिथि तक भी विभाग द्वारा ज्येष्ठता का निर्धारण कर अन्तिम वरिष्ठता सूची जारी नहीं की गई है तथा विभाग की ओर से उपस्थित प्रतिनिधि द्वारा आयोग के सम्मुख कोई समुचित उत्तर नहीं दिया गया, जिस पर आयोग द्वारा खेद व्यक्त किया गया है।

सुनवाई में अध्यक्ष द्वारा विभाग को तत्काल नियुमानुसार प्रकरण पर अन्तिम वरिष्ठता सूचना जारी करने के निर्देश दिए गए। श्रीमती शिवा गुप्ता, उधमसिंहनगर के पदोन्नति संबंधी प्रकरण पर आयोग द्वारा पाया गया कि प्रार्थी के साथ अन्याय हुआ है। अध्यक्ष द्वारा विभाग की ओर से उपस्थित प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए कि प्रार्थिनी की पदोन्नति किए जाने हेतु नियमानुसार कनिष्ठ सहायक का पद सृजत करते हुए शिकायतकर्ता को न्याय दिलाया जाएं। संतोष देवी के पति की मृत्यु उपरांत उनके देयक यथा उपार्जित अवकाशों, सामूहिक बीमा, भविष्य निधि, पारिवारिक पेंशन के भुगतान संबंधी शिकायती प्रकरण पर अध्यक्ष द्वारा वित्त अधिकारी, प्रारम्भिक शिक्षा, उधमसिंहनगर को सुनवाई में निर्देश दिए गए कि प्रार्थिनी के पति की मृत्यु उपरांत समस्त अवशेष देयकों, भुगतान का विवरण तालिका के रूप में आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें तथा महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड को निर्देशित किया गया कि श्रीमती संतोष देवी के अवशेष देयकों/भुगतान के संबंध में विभाग द्वारा आयोग को भिन्न-भिन्न उत्तर प्रेषित किए जा रहे हैं जिसके निस्तारण के संबंध में एक कमेटी बनाकर प्रकरण का निस्तरण करें।

ईशम सिंह और मनवीर सिंह के मृतक आश्रित नियुक्ति संबंधी प्रकरण पर अध्यक्ष द्वारा महानिदेशक, विद्यालीय शिक्षा, उत्तराखण्ड की ओर से उपस्थित प्रतिनिधि को निर्देश दिए गए कि प्रार्थी अन्य पिछड़े वर्ग का व्यक्ति है, जिसकी आर्थिक स्थिति दयनीय है, प्रार्थी की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके प्रकरण पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए अन्य व्यक्तियों जिन्हें 15-20 वर्ष बाद भी मृतक आश्रित के रूप में नियोजित किया गया है, उसी आधार पर नियमानुसार शिकायतकर्ता का प्रस्ताव जिले स्तर से निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए गए। सोनवीर और नितिन कुमार के मृतक आश्रित नियुक्ति संबंधी प्रकरण का निस्तारण सुनवाई के दौरान किया गया। भानू वर्मा, नैनीताल केअन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र संबंधी प्रकरण पर तहसीलदार, धारी की ओर से उपस्थित प्रतिनिधि नारायण लाल वर्मा, राजस्व निरीक्षक द्वारा सुनवाई के दौरान आयोग को आश्वस्त किया गया कि प्रार्थी का जाति प्रमाण पत्र एक सप्ताह के अन्तर्गत निर्गत कर दिया जायेगा तथा प्रकरण का निस्तारण किया गया। सुनवाई में आयोग के अध्यक्ष संजय नेगी, सदस्य विनोद नाथ, प्रहलाद चौधरी, सतीश पाल, महेन्द्र कुमार वर्मा, राकेश उनियाल, मोहब्बत सिंह नेगी, गोरधन सिंह, सचिव, मोहित, माया, गोपाल, विजय लक्ष्मी आदि उपस्थित रहे।

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