बागेश्वर में पिरूल बना आजीविका और स्वच्छ ऊर्जा का साधन

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कमल पुरी बागेश्वर, 02 जून। बागेश्वर में वन विभाग की पहल से पिरूल (चीड़ की सूखी पत्तियां) अब ग्रामीणों की आमदनी और पर्यावरण संरक्षण का जरिया बन रही हैं। जिले में बनाए गए 27 पिरूल एकत्रीकरण केंद्रों से अब तक 220 क्विंटल पिरूल सितारगंज शुगर मिल भेजा गया है। महिला समूहों और युवाओं की भागीदारी से जंगलों से पिरूल एकत्र किया जा रहा है, जिसकी खरीद दर 10 रुपये प्रति किलो तय की गई है। यह पिरूल अब स्वच्छ ईंधन के रूप में उपयोग हो रहा है। डीएफओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि ग्रामीणों में इस पहल को लेकर अच्छा उत्साह है और केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। यह प्रयास रोजगार, पर्यावरण और ऊर्जा तीनों मोर्चों पर एक नई उम्मीद जगा रहा है l

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