भारतीय संस्कृति के संवाहक और सामाजिक समरसता के पुरोधा थे गुरुदेव : स्वामी अवधेशानन्द

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TSA न्यूज हरिद्वार , दिनांक 19 सितम्बर। सनातन धर्मोद्धारक भगवत्पाद भाष्यकार जगद्गुरु भगवान शंकराचार्य जी की अद्वैत परम्परा के संवाहक, वैदिक सनातन धर्म-संस्कृति-संस्कार एवं आर्ष संवेदनाओं के सबल संपोषक, भारत माता मन्दिर एवं समन्वय सेवा ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन परम गुरुदेव श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ अनन्तश्री विभूषित पूज्यपाद स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज के “अवतरण दिवस” के पावन अवसर पर दो दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन परम पूज्य श्रीमत्परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामण्डलेश्वर अनन्तश्री विभूषित पूज्यपाद श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज “पूज्य आचार्यश्री जी” की पावन अध्यक्षता में किया जा रहा है। दो दिवसीय कार्यक्रम के अन्तर्गत आज प्रथम दिवस भारत माता मन्दिर-समन्वय कुटीर में प्रातःकाल देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक पूजन-अर्चन, संगीतमय श्रीसुन्दर काण्ड का पाठ, सन्त भण्डारा तथा सायंकालीन सत्र के अन्तर्गत शास्त्रीय संगीतज्ञ पद्मश्री से सम्मानित मधुप मुद्गल द्वारा सुमधुर भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समन्वय सेवा ट्रस्ट एवं भारत माता मन्दिर के अध्यक्ष परम पूज्य जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज “पूज्य आचार्यश्री” ने ब्रह्मलीन ‘परम गुरुदेव जी’ का स्मरण करते हुए कहा कि पूज्य गुरुदेव भारतीय संस्कृति के संवाहक और सामाजिक समरसता के पुरोधा थे। उन्होंने भारत माता को अपना इष्ट माना और भारत माता मन्दिर बनाकर लोक-कल्याण के लिए राष्ट्र आराधना की। इस पावन अवसर पर समन्वय सेवा ट्रस्ट, जबलपुर के महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरि महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरि महाराज, स्वामी सोमदेव गिरि महाराज, समन्वय सेवा ट्रस्ट के सचिव आई.डी. शास्त्री, संस्था के न्यासी मुकेश शुक्ला, सुरेश मोढ़, भूपेन्द्र कौशिक, रोहित माथुर, नगर के प्रमुख धार्मिक, आध्यात्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रबुद्धजन, संस्था के प्रमुख न्यासीगण, अधिकारीगण एवं देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तजनों की उपस्थिति रही।

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