सहकारिता विभाग को मिले आधा दर्जन सहायक निबंधकप्रशिक्षण के उपरांत पर्वतीय जनपदों में दी गई पहली तैनाती

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TSA न्यूज़ सर्विस
देहरादून, 01 अप्रैल। सूबे के सहकारिता विभाग को आधा दर्जन सहायक निबन्धक मिल गये हैं। राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित इन अधिकारियों को प्रदेश के पर्वतीय जिलों में प्रथम तैनाती दी गई है। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नव नियुक्त सहायक निबन्धकों को बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि नये अधिकारियों के आने से विभागीय कार्यों में जहां तेजी आयेगी वहीं प्रशासनिक कार्यों में भी सुधार होगा, साथ ही सहकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सकेगा। सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में सहकारिता को नये आयाम देने के लिये राज्य सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। इसके साथ ही सरकार प्रशासनिक ढ़ाचे को मजबूत कर योजनाओं को धरातल पर उतराने में जुटी है ताकि सहकारी योजनाओं का लाभ प्रदेश अधिक से अधिक काश्तकारों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को मिल सके। इसी कड़ी में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित आधा दर्जन सहायक निबंधकों को प्रदेश के विभिन्न पर्वतीय जनपदों में प्रथम तैनाती दे दी गई है।

जिसमें सौरभ कुमार को पौड़ी गढ़वाल, रोहित कुमार को अल्मोड़ा, प्रियंका घनसेला को उत्तरकाशी, आशीष को बागेश्वर, प्रवीण रावत को उत्तरकाशी और अंकित कुमार को पिथौरागढ़ जनपद में नियुक्ति दी गई है। डा. रावत ने बताया कि नव नियुक्त सहायक निबंधकों को डॉ. रघुनन्दन सिंह टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी नैनीताल में 12 सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया। इसके उपरांत इन्हें विभागीय जनकारी व अनुभव प्रदान करने के लिये सहकारी प्रबंध संस्थान देहरादून में 43 दिन का इन्डक्शन एंड ओरिएंटेशन ट्रेंनिग दी गई। विभागीय मंत्री ने कहा कि नव नियुक्त सहायक निबंधकों की तैनाती से सहकारिता के कार्यों में तेजी आयेगी। साथ ही विभागीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आम जनता को मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभाग के अंतर्गत काश्तकारों, किसानों, स्वयं सहायकता समूहों एवं युवा उद्यमियों को ऋण वितरण में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि सहकार से समृद्धि के मूल मंत्र को पर्वतीय क्षेत्रों में प्रभावी बनाने में नव नियुक्त अधिकारियों का अहम भूमिका रहेगी। डॉ धन सिंह रावत, सहकारिता मंत्री, उत्तराखंड ने कहा की नव नियुक्त जिला सहायक निबन्धकों की तैनाती से विभागीय कार्यों में तेजी आने के साथ ही राज्य में सहकारिता आंदोलन के उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी, साथ विभागीय योजनाओं की मॉनिटरिंग भी हो पाएगी।

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