सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण

Facebook
WhatsApp

कमल पुरी देहरादून, 05 अप्रैल। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना ने ओडिशा के तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) के सेना संस्करण के चार सफल उड़ान परीक्षण किए। चार परिचालन उड़ान परीक्षण उच्च गति वाले हवाई लक्ष्यों के विरुद्ध किए गए। मिसाइलों ने हवाई लक्ष्यों को रोका और उन्हें नष्ट कर दिया, जिससे सीधे हिट दर्ज किए गए। लंबी दूरी, कम दूरी, उच्च ऊंचाई और कम ऊंचाई पर चार लक्ष्यों को रोकने के लिए परीक्षण किए गए, जिससे परिचालन क्षमता साबित हुई। उड़ान परीक्षण हथियार प्रणाली के चालू हालत में किए गए। एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर द्वारा तैनात रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा के माध्यम से हथियार प्रणाली के प्रदर्शन को मान्य किया गया। उड़ान परीक्षण डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किए गए। भारतीय सेना द्वारा पूर्वी और दक्षिणी कमानों से डीआरडीओ के मार्गदर्शन में ये परीक्षण किए गए।

इन परीक्षणों ने दोनों सेना कमानों की परिचालन क्षमता को साबित कर दिया है और दो रेजिमेंटों में हथियार प्रणालियों के संचालन का मार्ग प्रशस्त किया है। एमआरएसएएम को भारतीय सेना द्वारा उपयोग के लिए डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। एमआरएसएएम सेना हथियार प्रणाली में मल्टी-फंक्शन रडार, कमांड पोस्ट, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम और अन्य वाहन शामिल हैं। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि चार सफल परीक्षणों ने महत्वपूर्ण सीमाओं पर लक्ष्यों को रोकने में हथियार प्रणाली की क्षमता को फिर से स्थापित किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की और इसे भारतीय सेना की परिचालन क्षमता के निर्माण के लिए प्रमुख मील का पत्थर बताया।

Subscribe For Latest Updates
We'll send you the best business news and informed analysis on what matters the most to you.