कैसे करें सेवानिवृति के बाद वित्तीय प्रबंधन

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कमल पुरी देहरादून 19 अप्रैल।ओएनजीसी ने आज जियोपिक सेंटर में अपने शीघ्र सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय प्रबंधन पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता वैश्विक स्तर पर वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली नोएडा स्थित कंपनी वाइज फाइनसर्व (प्राइवेट वेल्थ) के ग्रुप सीईओ अजय यादव ने शीघ्र सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के बाद निवेश करने के सही तरीकों और विभिन्न प्रकार के उपलब्ध वित्तीय उत्पादों के बारे में विस्तार से बताया। अजय यादव ने लोगों से कहा कि सेवा निवृत्ति के बाद अर्जित फंड का प्रबंधन एक अत्यंत गंभीर एवं संवेदनशील विषय है ऐसे में अगर बाजार और विभिन्न निवेश उत्पादों की उचित जानकारी न हो तो स्वयं से निवेश के प्रयोग नहीं करना चाहिए। सेवानिवृत्त होने के बाद व्यक्ति की सक्रिय और निरंतर होने वाली मासिक आय पूर्णतः बंद‌ हो जाती है या फिर बेहद क्षीण हो जाती है जब कि महंगाई बढ़ती रहती है जिसकी वजह से जीवन यापन के जरूरी खर्चो में वृद्धि हो जाती है अत: सेवानिवृत्त होने के बाद अपने संचित और अर्जित धन‌ प्रबंधन‌ पर अनावश्यक रूप से बहुत प्रयोग नहीं करना चाहिए।विशेष रूप से अजय ने लोगों को रिटायरमेंट के बाद ग्रीड ट्रैप से बचने की सलाह दी।

उन्होने बताया कि जैसे ही आपके खाते में रिटायरमेंट की एक बड़ी रकम जमा होती है एक साइबर क्राइम ग्रुप सक्रिय हो जाता है जो पहले आपको अधिक रिटर्न बना कर लोभ में फंसाता है और फिर आपकी पूरी जमा पूंजी साफ कर जाता है। सेवानिवृत्त होने के बाद आप एक अनुभवी और योग्य फायनेंसियल एडवाईजर की सहायता से एक‌ लंबी निवेश योजना पर कुछ‌ इस तरह काम करें कि हर परिस्थिति में न सिर्फ आपकी नियमित आय बनी रहे बल्कि आपका निवेश भी पूर्ण सुरक्षित रहे और महंगाई के सापेक्ष बढ़ता भी रहे। सुरक्षा की दृष्टि से निवेश पिरामिड आधार पर करना चाहिए। ऐसे निवेश में अधिकतम निवेश सरकारी बॉण्ड या फिर पोस्ट ऑफिस के विभिन्न सुरक्षित उत्पादों में होता है। ऐसे उत्पादों में रिटर्न लाभ स्थिर किन्तु कम होता है जब कि आय पर टैक्स देय होता है जिसकी वजह से कुछ सालों के बाद महंगाई दर बढ़ने की वजह से यह उत्पाद आपकी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हो जाते हैं। भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए आप को अपने निवेश का एक‌ हिस्सा इक्विटी म्युचुअल फंड अथवा इक्विटी पी एम एस में करना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों के सवालों का जवाब देते हुए अजय ने एन पी एस पर विस्तार से चर्चा की और एन पी एस में नये संशोधित प्रावधान एस एल डब्ल्यू के बारे में बताया।

श्री अजय कुमार यादव‌ कहा कि एस एल डब्ल्यू एक बेहतर विकल्प है जहाँ आप अपने पी आर बी एस अकाउंट में संचित धन को पूर्णतः एन पी एस अकाउंट में ट्रांसफर कर ४०% अनिवार्य रुप से एनुअटी आय ले कर शेष ६०% से एस एल‌ डब्ल्यू द्वारा अपने लिए एक नियमित अंतराल पर निस्चित और टैक्स मुक्त आय अर्जित कर सकते है। फिर भी इस पर एक बार अपने एडवाईजर के साथ बैठ कर विस्तार से चर्चा कर लेनी चाहिए। अजय ने समझाया कि कैसे कोई भी खाताधारक अपने एन पी एस को ऑटो च्वाइस के बजाय ऐक्टिव मोड में मैनेज कर के अधिक इक्विटी एलोकेशन कर एन पी एस कॉर्पस में मे लाखों रूपये अधिक बना सकता है।

सेमिनार में ओएनजीसी के देश भर से आए लगभग दो सौ अधिकारियों व कर्मचारियों ने शिरकत किया। इस कार्यक्रम का आयोजन ओएनजीसी, एच आर विभाग दिल्ली के ग्रुप जनरल मैनेजर श्री अनिल बहुगुणा जी ने और सफल संचालन मैनेजर एच आर‌ श्रीमती जगदीश कौर ने किया।इस अवसर पर वाइज फिनसर्व की ओर से मौजूद कंपनी के प्रेसिडेंट श्री पवन कुमार सिंह एवं डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुराग अस्थाना ने लोगों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनके विभिन्न प्रकार की संकाओं का समाधान किया‌ और कंपनी द्वारा प्रदत्त सभी सेवाओं और वित्तीय उत्पादों के बारे में विस्तार से बताया जब कि चीफ मैनेजर मिस गार्गी परिहार ने कार्यक्रम के आयोजन और संचालन के लिए श्री अनिल बहुगुणा एवं श्रीमती जगदीश कौर का आभार जताते हुए सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का उनकी सक्रिय भागेदारी के लिए धन्यावाद किया।

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