एक धार्मिक यात्रा नन्दा देवी राज जात

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TSA न्यूज़ सर्विस चमोली।

नन्दा देवी राज जात उत्तराखण्ड राज्य में होने वाली नन्दा देवी की एक धार्मिक यात्रा है। यह उत्तराखंड के कुछ सर्वाधिक प्रसिद्ध सांस्कृतिक आयोजनों में से एक है। यह लगभग 12 वर्षों के बाद आयोजित होती है। अन्तिम जात 2014 में हुई थी। अगली राजजात 2026 में होगी। यह एशिया महाद्वीप की सबसे लम्बी दूरी की पैदल यात्रा है। नन्दादेवी से जुडी जात (यात्रा) दो प्रकार की हैं वार्षिक जात और राजजात। वार्षिक जात प्रतिवर्ष अगस्त-सितम्बर माह में होती है। जो सिद्धपीठ कुरूड़ के नन्दा मन्दिर से शुरू होकर वेदनी कुण्ड तक जाती है और फिर लौट आती है। मान्यता के अनुसार देवी की यह ऐतिहासिक यात्रा कुरूड़ (नन्दानगर) व नौटी से शुरू होती है कुरूड़ के मन्दिर से दशोली और बधॉण की डोलियाँ राजजात के लिए निकलती हैं। इस यात्रा में लगभग २५० किलोमीटर की दूरी, कांसुवा से होमकुण्ड तक पैदल करनी पड़ती है। इस दौरान घने जंगलों पथरीले मार्गों, दुर्गम चोटियों और बर्फीले पहाड़ों को पार करना पड़ता है।

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